विधायक नाम: दिनेश प्रसाद पार्टी- जदयू
पिछले विधानसभा में मतदान का प्रतिशत: 61.17
विजेता का नाम: दिनेश प्रसाद, जदयू, 42286 वोट
प्रतिद्वंदी: राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव, राजद, 36884 वोट
वोट का अंतर: 5402
पिछले पांच विधानसभा में कौन-कौन रहे विधायक
वर्ष विधायक का नाम पार्टी
2010- दिनेश प्रसाद जदयू
2005 दिनेश प्रसाद जदयू
2000 दिनेश प्रसाद निर्दलीय
1995 हिन्द केशरी यादव जेडी
1990 हिन्द केशरी यादव जेडी
मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दे
1. नक्सलवाद बड़ी समस्या: मीनापुर में पनपता बढ़ता नक्सलवाद बड़ा मुद्दा बन चुका है। विधायक के परिजन भी नक्सलियों के निशाने पर हैं। विकास में पिछड़ापन इसकी मुख्य वजह है।
2. मनरेगा मजदूरों का बकाया: विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा मजदूरों की बड़ी तादाद है, जिसका जॉब कार्ड दलालों ने कब्जा कर रखा है। मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है।
3. बिजली: विधानसभा क्षेत्र में बिजली के अभाव में बंद पड़े नलकूप भी बड़ा मुद्दा है। सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिल रही है और सरकारी नलकूप हाथी के दांत साबित हो रहे हैं।
पिछले विधानसभा में मतदान का प्रतिशत: 61.17
विजेता का नाम: दिनेश प्रसाद, जदयू, 42286 वोट
प्रतिद्वंदी: राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव, राजद, 36884 वोट
वोट का अंतर: 5402
पिछले पांच विधानसभा में कौन-कौन रहे विधायक
वर्ष विधायक का नाम पार्टी
2010- दिनेश प्रसाद जदयू
2005 दिनेश प्रसाद जदयू
2000 दिनेश प्रसाद निर्दलीय
1995 हिन्द केशरी यादव जेडी
1990 हिन्द केशरी यादव जेडी
मीनापुर विधानसभा क्षेत्र के चुनावी मुद्दे
1. नक्सलवाद बड़ी समस्या: मीनापुर में पनपता बढ़ता नक्सलवाद बड़ा मुद्दा बन चुका है। विधायक के परिजन भी नक्सलियों के निशाने पर हैं। विकास में पिछड़ापन इसकी मुख्य वजह है।
2. मनरेगा मजदूरों का बकाया: विधानसभा क्षेत्र में मनरेगा मजदूरों की बड़ी तादाद है, जिसका जॉब कार्ड दलालों ने कब्जा कर रखा है। मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं हो रहा है।
3. बिजली: विधानसभा क्षेत्र में बिजली के अभाव में बंद पड़े नलकूप भी बड़ा मुद्दा है। सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिल रही है और सरकारी नलकूप हाथी के दांत साबित हो रहे हैं।
इनके लिए अलग है चुनावी मुद्दा
1. युवा: युवाओं के लिए बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। बेरोजगारी दूर करने की किसी भी गंभीर कोशिश के साथ युवा खड़ें हैं तो राजनीतिक के जातीय आग्रह को भी ठुकराने पर आमदा हैं।
2. महिला: महिलाओं के लिए सबसे प्रमुख मुद्दा यहां शिक्षा और स्वास्थ्य है। शिक्षा के क्षेत्र में महिलायें यहां काफी पीछे हैं तो स्वास्थ्य सुविधाओं का भी लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। इसके बाद सेवा व राजनीति में आरक्षण इनके मुद्दे हैं।
3.किसान: सिंचाई किसानों के लिए बड़ा मुद्दा है। यहां 108 ट्य़ूबवेल तो हैं, लेकिन सिंचाई सुविधा एक से भी नहीं है। किसानों को फसल बीमा व क्षतिपूर्ति का लाभ न मिलना बड़ी समस्या बन चुकी है।
डेवलपमेंट इंडेक्स
शिक्षा: विधानसभा क्षेत्र में 243 स्कूल हैं। सभी स्कूलों के अपने भवन भी हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी है। छात्रों की उपस्थिति सामान्य से बेहतर है, लेकिन जनसंख्या पढ़ाई के लिए शहर का रुख कर रही है।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल ठीक ठाक है। एक पीएचसी के अलावा कई एपीएचसी हैं। डॉक्टरों की कमी है लेकिन एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है।
निर्माण: रघईघाट पुल व कोदरिया में पुल निर्माण बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। बाकी उपलब्धि के नाम पर क्षेत्र का खाता खाली ही है।
1. युवा: युवाओं के लिए बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। बेरोजगारी दूर करने की किसी भी गंभीर कोशिश के साथ युवा खड़ें हैं तो राजनीतिक के जातीय आग्रह को भी ठुकराने पर आमदा हैं।
2. महिला: महिलाओं के लिए सबसे प्रमुख मुद्दा यहां शिक्षा और स्वास्थ्य है। शिक्षा के क्षेत्र में महिलायें यहां काफी पीछे हैं तो स्वास्थ्य सुविधाओं का भी लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। इसके बाद सेवा व राजनीति में आरक्षण इनके मुद्दे हैं।
3.किसान: सिंचाई किसानों के लिए बड़ा मुद्दा है। यहां 108 ट्य़ूबवेल तो हैं, लेकिन सिंचाई सुविधा एक से भी नहीं है। किसानों को फसल बीमा व क्षतिपूर्ति का लाभ न मिलना बड़ी समस्या बन चुकी है।
डेवलपमेंट इंडेक्स
शिक्षा: विधानसभा क्षेत्र में 243 स्कूल हैं। सभी स्कूलों के अपने भवन भी हैं, लेकिन शिक्षकों की कमी है। छात्रों की उपस्थिति सामान्य से बेहतर है, लेकिन जनसंख्या पढ़ाई के लिए शहर का रुख कर रही है।
स्वास्थ्य: स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल ठीक ठाक है। एक पीएचसी के अलावा कई एपीएचसी हैं। डॉक्टरों की कमी है लेकिन एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध है।
निर्माण: रघईघाट पुल व कोदरिया में पुल निर्माण बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। बाकी उपलब्धि के नाम पर क्षेत्र का खाता खाली ही है।
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