मीनापुर कौशलेन्द्र झा
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद छिड़ी सियासी बहस के बीच जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन का शुक्रवार को ऐलान किया। उन्होंने कहा कि देश में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए यह फैसला करना पड़ा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की बजाय तृणमूल कांग्रेस को वोट देने की अपील की।
बुखारी ने सांप्रदायिकता को भ्रष्टाचार से भी ज्यादा खतरनाक करार देते हुए कहा कि इस समय सबसे बड़ा सवाल देश की एकता, अखंडता और धर्मनिरपेक्षता का है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि सोनिया गांधी से सांप्रदायिक दंगों, सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों को लागू करने तथा मुसलमानों की जानमाल की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई।
इसके साथ ही शाही इमाम ने ममता बनर्जी के कार्यों की तारीफ करते हुए धर्मनिरपेक्ष लोगों से पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की बजाय तृणमूल कांग्रेस का साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार ने मुसलमानों की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ कार्य किए हैं।
धार्मिक गुरु होने के बावजूद राजनीति करने के आरोपों के संदर्भ में शाही इमाम ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर नागरिक को अपनी बात रखने का अधिकार है।
सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद छिड़ी सियासी बहस के बीच जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन का शुक्रवार को ऐलान किया। उन्होंने कहा कि देश में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए यह फैसला करना पड़ा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की बजाय तृणमूल कांग्रेस को वोट देने की अपील की।
बुखारी ने सांप्रदायिकता को भ्रष्टाचार से भी ज्यादा खतरनाक करार देते हुए कहा कि इस समय सबसे बड़ा सवाल देश की एकता, अखंडता और धर्मनिरपेक्षता का है।
उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि सोनिया गांधी से सांप्रदायिक दंगों, सच्चर कमेटी और रंगनाथ मिश्रा आयोग की सिफारिशों को लागू करने तथा मुसलमानों की जानमाल की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तृत बातचीत हुई।
इसके साथ ही शाही इमाम ने ममता बनर्जी के कार्यों की तारीफ करते हुए धर्मनिरपेक्ष लोगों से पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की बजाय तृणमूल कांग्रेस का साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार ने मुसलमानों की समस्याओं के समाधान के लिए कुछ कार्य किए हैं।
धार्मिक गुरु होने के बावजूद राजनीति करने के आरोपों के संदर्भ में शाही इमाम ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और यहां हर नागरिक को अपनी बात रखने का अधिकार है।
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